Shashi Tharoor On Cow Hug Day: सोशल मीडिया पर चुटकुलों और मीम्स की बाढ़ के बीच भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने वेलेंटाइन डे पर लोगों से गाय को गले लगाने (Cow Hug Day) की अपील को शुक्रवार (10 फरवरी, 2023) को वापस ले लिया था। अब इस मामले में सोशल मीडिया पर चल रही बहस में शनिवार (11 फरवरी, 2023) को कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हो गए। उन्होंने ‘काउ हग डे’ को लेकर अपने मजाकिया अंदाज में ट्वीट किया। शशि थरूर ने कहा, ‘उन्हें अपने लोगों (Guy) को गले लगाने दो’ कहा गया था, इसको ‘गाय’ (Gaay) के रूप में गलत समझा जा सकता है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘क्या सरकार गाय के जरिए अपने ऊपर बने चुटकुलों से डर गई या यह केवल कायरता थी? मेरा अनुमान है कि मूल अपील एक मौखिक निर्देश के रूप में थी । ‘वेलेंटाइन डे: उन्हें अपने शख्स (Guy) को गले लगाने दो’ और अंतिम शब्द हिंदी राष्ट्रवादी ने गाय (Gaay) के रूप में गलत सुन लिया था।’
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने एक नोटिस जारी करते हुए 6 फरवरी, 2023 को अपील जारी की थी। इस अपील में लोगों से 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ मनाने को कहा गया था। इस नोटिस में कहा गया था कि सभी गाय प्रेमी गो माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए और जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं।
नोटिस में कहा कहा गया था कि पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा देने के कारण वैदिक परंपराएं विलुप्त होने के कगार पर हैं और पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध में हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया गया है। सोशल मीडिया पर आलोचना के बीच पशु कल्याण बोर्ड ने शुक्रवार को अपनी अपील वापस ले ली। बता दें, 14 फरवरी का दिन दुनिया भर में वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दागा था सवाल
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को ‘काउ हग डे’ की अपील वापस लिए जाने के बाद कटाक्ष करते हुए सवाल किया था कि यह किसके दिमाग की उपज थी। जयराम रमेश ने इसे लेकर एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा, ‘सबसे पहले यह किसके दिमाग की उपज थी?’
पशु कल्याण बोर्ट की अपील के बाद केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा था कि यह अच्छा होगा यदि लोग बोर्ड द्वारा 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने के लिए दिए गए आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें। इस बयान के एक दिन बाद अपील को वापस ले लिया गया था। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) के इस कदम का मज़ाक उड़ाते हुए अडानी मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया था।